Tuesday 21 January 2014

ख़ामोशी




आलम था ख़ामोशी का 
दिल दहल गया.……                    इतनी मिली खामोशियाँ कि 
मन बहल गया..... 

ख़ामोशी की ख़ामोशी से 

बात हुई --- बड़ी लम्बी सी.--- 
छोटी मुलाकात हुई ----   


                                                               


















निशा की  निस्तब्धता 
नभ की ख़ामोशी 
चाँद तारों की बस्ती में 
  ग़ज़ब की खुमारी है. 



सर्द मौसम की  आहट 
ख़ामोशी की  सुगबुगाहट 
ताकत को तौलती है 
दिल भारी और लब बंद है 
सिर्फ आँखें हीं बोलती है.