Sunday 28 April 2013

एक दूजे के वास्ते ......

सागर की लहरों के साथ 
थामें एक दूजे का हाथ 
चलो साथी चलें उस ओर ...जहाँ ....
उन्मुक्त आकाश हो 
दिन हो या रात हो 
बुझे नहीं कभी मिलन से 
ऐसी अतृप्त प्यास हो .....

रिश्तों में मर्यादा हो 
कम हो न ज्यादा हो 
आधा तुम्हारा ,आधा मेरा 
पूरा हमारा हो ....

छोटी सी है जिन्दगी 
लम्बे -लम्बे रास्ते 
हर गम को गले लगाएं 
एक दूजे के वास्ते ......

             
          
               



Saturday 20 April 2013

जिन्दगी इक गीत है


ब्लागर साथियों आज मेरी मौसी की तेरहवीं है ....हालाँकि किसी कारणवश मैं नहीं जा सकी ..
मौसी के गाँव ..उनके लिए समर्पित है मेरी ये कविता .....मेरी मौसी कैंसर की मरीज थीं ...एक पैर कटा होने की वजह से वो व्हीलचेयर का उपयोग करती थीं ..मैंने उनके चेहरे पर कभी शिकन तक नहीं देखा था ..हमेशा हँसती रहती थीं ....जिन्दगी ..जिन्दादिली से जीने का हीं नाम है ..इसलिए उनकी मौत पर मैंने एक भी आँसू  नहीं बहने दिया .....मेरी माँ की अन्तिम बहन थीं जो 
माँ की कमी पूरी कर देतीं थीं ...खैर मौत तो चिरंतन सत्य है ..इसे कौन रोक सका है ..भगवान् उनकी आत्मा को शांति दे ..इसी कामना के साथ मै  अपनी मौसी की जीवटता को सलाम करती हूँ ....उनके जैसे जीवन जी सकूँ .....ऐसा हमेशा कोशिश करती हूँ ......




जिन्दगी इक गीत है 
ऐ मुसाफिर गाये जा 

जीत हो या हार हो  
 जश्न ...तू मनाये जा ....

कल थे जो आज नहीं हैं 
आज हैं जो कल न होंगे 
मत उलझ इस जाल में तू
परिवर्तन को अपनाए जा 

जिन्दगी इक गीत है 
ऐ मुसाफिर गाये जा ......

जीवन के सम्बन्ध सारे 
माना तुमको थे सारे प्यारे 
गम न कर उनके लिए तू 
आगे कदम बढाए जा ..

जिन्दगी इक गीत है 
ऐ  मुसाफिर गाये जा  

छाँहमयी पेड़ उखड गए तो ?
कोंपलें भी आएगी 
कुहूकेगी उस पर कोयल 
बुलबुल फिर से गाएगी ..

छाँह छीन गया है तेरा
 तू छाँह बन लहराए जा 

जिन्दगी इक गीत है 
ऐ मुसाफिर गाये जा ...

Monday 15 April 2013

कहलाती वही नारी

आगे राह नहीं हो ..फिर भी 
राह बनानी आती हो                                        
मंज़िल पास नहीं हो,.. फिर भी 
मंज़िल तक वो जाती हो .....

दिल सहमा- सहमा रहता हो ...पर 
आँखें हँसती रहती है 
साहस और सच्चाई 
रगों में उसकी बहती है 

नारी के संसार में 
ऐसा हीं कुछ होता है 
सोच नहीं होती उसकी ..कि ...
है वो इक बेचारी 
हार नहीं माना जिसने 
कहलाती वही नारी ........

सोचिये क्या सभी औरतें ऐसी होती है ? जो होती है 
वही नारी कहलाती है ......जैसे सभी पुरुष मर्द नहीं होते ... 

        
         ब्लॉगर साथियों  आवश्यक कार्य की वजह से 
         कुछ दिन ब्लॉग जगत से दूर रहूँगी ....धन्यवाद ...
          

Thursday 11 April 2013

हे प्रभू

              

विपरीत परिस्थितियों में भी 
कर्त्तव्य पथ पर अडिग रहूँ 
                        इतनी शक्ति मुझको दे देना .....


दिल बेचैन हो दिन, हो या रैन हो 
जो ठान लिया है उसे पूरा कर सकूँ 
                           इतना धैर्य मुझको दे देना ......

खुद पापों से बचूँ औरों को भी 
 पाप करने से बचा सकूँ 
                             इतनी गरिमा मुझको दे देना .......

वास्तविकता जब दिल को दुखाने लगे 
कठोर आलोचना में मन घबराने लगे तब भी 
उम्मीद का दामन नहीं छोडूँ 
                         इतनी प्रेरणा मुझको दे देना ......


जिस प्यार और कठोरता से मुझे जीवन पथ पर 
चलना सिखाया गया है ..उसी प्यार और कठोरता के साथ 
मैं भी किसी को जीवन पथ पर चलना सिखा सकूँ ..
                                   इतना विवेक मुझको दे देना ......

घनघोर अँधेरा हो ,तूफानों ने घेरा हो 
नहीं कोई किनारा हो "साथ तुम्हारा है "
                            इतना विश्वास  मुझको दे देना ....

Thursday 4 April 2013

ज्यों

दो नैनों के जाल में
दिल हो गया बेकरार
दिल से  मिलकर दिल खिला
ज्यों नज़रें हुई चार .....